फतेहपुर चक्र, फतेहपुर
रामबाबू व धर्मेन्द्र पर लगा गैंगेस्टर
दीनदयाल शोध संस्थान का तोड़ा बोर्ड। शहर के पटेल नगर इलाक़े के अतिविवादित हाईप्रोफ़ाइल भू-खण्ड प्रकरण में आज दो अलग अलग घटनाक्रम हुए। एक ओर तथाकथित पट्टाधारक रामबाबू व अग्रहरि ट्रेडर्स के प्रोप्राइटर धर्मेन्द्र कुमार पर कोतवाली पुलिस ने गैंगेस्टर ऐक्ट में चालान कर जेल भेज दिया। वही देर शाम नवनिर्मित दीनदयाल शोध संस्थान के गेट को क्षतिग्रस्त करके बोर्ड आदि को तोड़ दिया गया।
ग़ौरतलब है कि विगत 21 मार्च की सुबह 5:30 बजे के क़रीब इस भूखण्ड के तथाकथित पट्टाधारक जिस रामबाबू को परिवार समेत कोतवाली पुलिस उठा ले गई थी, उनमे पाँच सदस्यों को आज दोपहर छोड़ दिया गया। वही क़लंदर रामबाबू व इस भूखण्ड का इकरारनामा कराने वाले अग्रहरि ट्रेडर्स के प्रोप्राइटर धर्मेन्द्र कुमार के ख़िलाफ़ धारा 2/3 गैंगेस्टर ऐक्ट के तहत चालान कर दोपहर बाद न्यायालय में पेश किया गया, जिन्हें जेल भेज दिया गया है।
इस हाईप्रोफ़ाइल मामले में दूसरा ट्विस्ट तब आ गया जब आज देर शाम दूसरे पक्ष के कुछ लोगों ने मौक़े पर पहुँचकर गाली गलौज किया और 21 मार्च को देर रात निर्मित हुएगेट में तोड़फोड़ करते हुए दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान के बोर्ड को नष्ट कर दिया तथा धमकियाँ देते हुए चले गये।
बताते चले कि सिंचाई विभाग के इस लगभग सवा दो बीघे भू-भाग को लेकर सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी की प्रायः साख दाँव पर लगी रही है। एक बार फिर सत्ता के दो अलंबरदार गुट आमने-सामने है। एक ने क़ब्ज़ा करके गैंगेस्टर लगवाने में सफलता पाई तो दूसरे ने गेट को क्षरिग्रस्त करे बोर्ड आदि तोड़ दिया। वैसे तो रामबाबू आदि के पट्टों पर हमेशा सवाल उठते रहे है किंतु कुछ ऐसा क़ानूनी पेंच फँसता रहा है कि इस भू-खण्ड से रामबाबू आदि की झोपड़ी कभी नहीं हट पाई। विषय यही समाप्त नहीं हो जाता। सवाल यह उठता है कि जब सबके पट्टे निरस्त हो गये तो राम बाबू आदि एवं दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान के पट्टे कैसे शेष बच गये और इस भू-खण्ड को अपनी ज़मीन बताने वालीं नगर पालिका और प्रशासन के ज़िम्मेदार कहा है, जिनकी आँख के नीचे सह और मात का खेल जारी है।