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महामारी की जाँच के नाम पर जिला अस्पताल में खिलवाड़

 फतेहपुर चक्र फतेहपुर 


महामारी की जाँच के नाम पर जिला अस्पताल में खिलवाड़
 पूरे विश्व में इस समय कोरोना वायरस ने महामारी का रूप इख़्तेयार कर रखा है। उसी के चलते उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के परदेश में रह कर अपनी जीविका चलाने वाले कोरोना वायरस की डर से अपने वतन लौट रहे है। उनकी थर्मल स्क्रेनिग जिला अस्पताल में करने की ब्यवस्था की गई है। जिसके चलते स्क्रेनिग करवाने वालों को जिला अस्पताल में लम्बी लाइन की सक्ल में देखा जा सकता है। थर्मल स्क्रेनिग करने के लिए शासन प्रशासन की तरफ से कोई माकूल इन्तेज़ामात नही किये गए है। जिसके चलते धारा 144 का खुला उल्लंघन तो हो ही रह है। साथ ही अगर भीड़ में एक भी कोरोना पाज़ीटिव मरीज़ हुआ तो इस वायरस को भीड़ में आगे बढ़ने से रोक पाना मुश्किल ही नही नामुमकिन होने से इंकार नही किया जा सकता। वही जब जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. प्रभाकर से मीडिया ने बात किया तो उनका कहना था कि इस समय वायरल फ़ीवर का सीजन चल रहा है। और कुछ तो कोरोना टेस्ट के लिए गाँव देहामत से आ रहे है। उनकी हिस्ट्री ली जा रही है और थर्मल स्क्रेनिग कर होम रेस्ट की सलाह दी जा रही है। अब तक 400 लोगो की थर्मल स्क्रेनिग की जा चुकी है। वही जब 4 सौ लोगो की भीड़ के लिए कोई उचित ब्यवस्था न होने के सम्बंध में पूछा गया तो उनका कहना था।  अगर एक साथ 4 सौ लोग आ जाएंगे तो अब्यवस्थ तो होगी ही मगर बाहर पुलिस के जवान लगे है। सभी को एक एक मीटर की दूरी पर खड़ा किया जा रहा है। सभी के हाथ धुलाये जा रहे है। सभी को मुँह ढकने की सलाह दी जा रही है। मगर आप खुद अपनी टीवी स्क्रीन पर देख सकते है। की जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर प्रभाकर की बातों में कितनी सच्चाई है। सभी थर्मल स्क्रेनिग करवाने वाले एक दूसरे से चिपक कर लाइनों में खड़े है। न तो कोई हांथ होने की ब्यवस्था है न मास्क की सीएमएस के सारे दावे हवा हवाई है। ऐसे में इस महामारी से स्वास्थ्य विभाग कैसे पार पायेगा ? सोचनीय विषय है।