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कोरोना से बचाव के लिए देश पालन कर रहा लॉक डाउन

फतेहपुर चक्र कुशीनगर 


कोरोना से बचाव के लिए देश पालन कर रहा लॉक डाउन


नगरपालिका कुशीनगर परिक्षेत्र में बजबजाती नालियों व रास्तों पर जमें पानी से संक्रमण का भय।
पूरा देश एकतरफ कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉक डाउन के नियमों का पालन कर रहा है। साथ ही प्रशासन सेनिटाइज व घरों में रहने की अपील कर रहा है। वहीं नगरपालिका परिषद कुशीनगर में कचरा प्रबंधन उचित नहीं होने से बजबजाती नालियों व रास्तों के चलते लोगों में संक्रमण का भय बना हुआ है। नगर से निकलने वाला कूड़ा को सड़कों सहित कई जगहों पर गिराया जाता है। कूड़े से सड़ांध और बदबू से आने जाने वाले राहगीरों को भारी परेशानी होती है। कचरा निष्पादन के लिए नगर प्रशासन ने कोई खास पहल तक नहीं किया। अगर हुआ भी तो कागजों में। लोगों ने नगर को साफ स्वच्छ बनाने के लिए कचरा प्रबंधन और जल निकासी की मांग किया है।
नगरपालिका परिषद क्षेत्र के मणिपुरम वार्ड नम्बर 17 में जल निकास की समस्या बनी हुई है। जल निकासी नहीं होने से रास्ते पर पानी लगा हुआ है। रास्ते पर जमा हुआ पानी सड़ने से बदबू दे रहा है। लोगों को सड़े पानी से संक्रमण फैलने का भय सता रहा है। नगर में करोड़ों रुपये साफ सफाई और जल निकासी के लिए नगर प्रशासन द्वारा खर्च कर दिया जाता है। इतना ही नहीं स्वच्छता अभियान के नाम पर लाखों रुपये खर्च करके लोगों को जागरूक किया गया फिर भी सुधार नहीं हुआ और देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छता का हवा निकालने में नगर के जिम्मेदारों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है। इस वक्त  देश कोरोना वायरस के भय से नियमों का पालन कर रहा है। लेकिन जिम्मेदार सो रहे हैं। उधर कचरे का सही प्रबन्ध नहीं होने से कूड़ा करकट नेशनल हाइवे, देवरिया रोड़ सहित कई स्थानों पर नगर का गिराया जाता है। जगह जगह फेंके कूड़ा महीनों से जल रहा है। लेकिन कोई ध्यान देने तक कि जहमत नहीं उठाई गई। नगर में गंदगी बड़ी समस्या बनी हुई है। कूड़ा समस्या से निबटने के लिए कई बार कचरा संयंत्र लगाने की बात कही गयी थी। लेकिन जब ठंडे बस्ते में चली गयी। सूखे और गीले कचरे को अलग करने के लिए नगरपालिक ने हरे और नीले कलर का सैकड़ों डस्ट बिन बांटे जिनमे से बहुत नहीं दिख रहे हैं। नगर में शामिल 41 गांवों की स्थिति बाद से बदतर होती जा रही है। बरसात का पानी या घरों के गंदे पानी का  सही प्रबन्ध नही होने से रास्तों पर जमा होने से ही नगरपालिका प्रशासन की पोल खोल रही है।