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ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं पहुंची बचाव सामग्री

फतेहपुर चक्र, जहानाबाद फतेहपुर 


ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं पहुंची बचाव सामग्री


जहानाबाद मे पुलिस बल सतर्क, ग्रामीण क्षेत्रों में नही पहुँची बचाव सामग्री, राहगीरों को घर में रहने की दी जा रही सलाह


ग्रामीण लॉक डाउन बाद भी कर रहे आवागमन


 कुछ ग्रामीणों में नही दिख रहा कोरोना का भय


ग्रामीण इलाकों में कोरोना  से बचाव हेतु अभी तक नही  पहुंची कोई बचाव समाग्री


जहानाबाद फतेहपुर में वर्तमान समय चल रहे लाक डाउन कर्फ्यू दौरान पुलिस प्रशासन दिखा सतर्क, चौक चौराहों पर मौजूद रहकर कोरोना वायरस जैसी महामारी के चलते निकल रहे मार्गों पर राहगीरों को घर में रहने के दिए निर्देश। ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लापरवाह नागरिकों में नही कोरोना वायरस का भय, जो मानव समाज के बन सकते हैं घातक।


मिली  जानकारी के अनुसार जहानाबाद कस्बा के मूल मार्गों व मार्केटों के साथ चौक चैराहों पर जहानाबाद थाना में नियुक्त पुलिस बल मुस्तैद दिखा। जहां मार्गों पर घर से निकले हुए कुछ लापरवाह लोगों को प्रशासन ने रोककर वर्तमान समय फैल रहे महामारी के रूप में कोरोना वायरस से बचाव हेतु जागरूक करने के साथ घर में रहने की सलाह देते हुए दिखाई दिये। मार्केट पूर्ण रूप से आज बंद पाई गई , सिर्फ कुछ मेडिकल स्टोर और उसे पास किराना स्टोर की दुकानें ही खुली देखी गई। 


    जहानाबाद थाना क्षेत्र के  ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी वर्तमान समय कोरोना वायरस से बचाव हेतु लापरवाही बरती जा रही है। ग्रामीण नागरिकों को अभी कोरोना वायरस से बचाव हेतु अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों में मिर्जापुर-मकरंदपुर, अकबरपुर नसीरपुर, इब्राहिमपुर डांडा, कलाना के साथ लगभग ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक किसी संस्थान व सरकार द्वारा ग्रामीणों के बचाव हेतु सैनिटाइजर, मास्क व दवा का छिड़काव तक नहीं किया गया है । जबकि प्रशासन हरसंभव प्रयास रत है कि ग्रामीण इलाकों के नागरिकों को जागरूक करते हुए सजगता पूर्वक सरकार के आमनागरिक ऐसी महामारी के दौरान समाज में आगे बढ़चढ़कर बचाव राहत वितरण करे जिससे उन्हें भी बचाया जा सके । 
देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री के बार बार संबोधन पर भी ग्रामीण क्षेत्र के कुछ लोग लापरवाही बरतते हुए दिखाई दे रहे हैं। जहां पर अभी क्षेत्रीय पुलिस की निगाह उन्हें सतर्कता प्रदान करने के साथ उन पर कड़ी कार्रवाई या चेतावनी करती समझ नहीं आ रही है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में अभी भी बाइको व साइकिलों के अलावा पैदल  आवागमन करते हुए देखे जा सकते है ऐसे लोग शासन और प्रशासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाने का कार्य करते हुए कोरोना वायरस जैसी भयानक महामारी से बिल्कुल भी भय महसूस नहीं नही कर रहे है। ऐसे ही लोग समाज में खुद ग्रसित होकर अपने साथ परिवार और क्षेत्र के ग्रामीण लोगों को संक्रमित करने का काम कर रहे हैं।  लॉक डाउन लगने के बाद भी ग्रामीण आवागमन बंद नहीं कर रहे हैं ।
इसमें तो यही कहा जा सकता है कि जब पुलिस बल ही ऐसे लोगों पर कड़े रुख अपनाएं तभी संभव है कि ऐसे लोग लोगों में सुधार आए तो कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव संभव हो सके।