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उपेक्षा का शिकार शिवराजपुर स्थित ठाकुर रसिक बालाजी का मंदिर*

*उपेक्षा का शिकार शिवराजपुर स्थित ठाकुर रसिक बालाजी का मंदिर*


👉 *तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा जीर्णोद्धार का दिया गया आश्वासन*


👉 *जीर्णोद्धार की राह ताक रही जनता*


✍ * Fatehpur chakra


*फतेहपुर*  मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर  शिवराजपुर स्थित ठाकुर रसिक बाला जी मंदिर जो करीब 170 साल पहले  यहाँ के लोंगो की आस्था का केंद्र हुआ करता था। घंटों की आवाज से गुंजायमान हुआ करता था। लेकिन आज यह प्राचीन मंदिर अपनी दयनीय दशा पर आंसू बहा रहा है 


अब  लोग  यहां आने से  कतराते है। क्योंकि यहाँ पर अब बंदरों, चमगादड़ों का बसेरा बन चुका है। कहते हैं इस मंदिर में राधा कृष्ण की अष्टधातु की मूर्तियां स्थापित थी। लेकिन उन्हें चोर चोरी कर ले गए।। वर्तमान समय में यहाँ पर पीतल की मूर्तियां है। लेकिन ये जर्जर मंदिर ओर खंडहर नुमा दीवारों से निकलती डरावनी आवाजे लोगों को यहाँ आने से रोकती है।
आसपास के कुछ लोगों का कहना है कि यहाँ पर अब मंदिर में  भूत प्रेत का बसेरा है। मंदिर में पूजा पाठ न होने से यहाँ बुरी आत्माओं का बसेरा हो चुका  है



इस प्राचीन मंदिर के इतिहास में गौर करें तो भगवान राधा कृष्ण के इस  मंदिर को 1750 के आस पास लाला जानकी नाथ ने करवाया था। कहते है तब इस मंदिर के निर्माण में हजारों रुपये खर्च किये गए थे। इस मंदिर की साफ सफाई और देखरेख करने वाले सुरेंद्र कहते है। कि इस मंदिर के निर्माण में दसको लगे तब जाकर इस भव्य मंदिर का निर्माण हो पाया। लेकिन आज ये सरकार की उपेक्षा से बिरान हैं। अब यहाँ राधा श्याम की धुन नहीं कबूतर, चमगादड़, ज़हरीले जानवरों की आवाजें आती है। रात होने और आसपास से निकलने से लोग कतराते है।


यह मंदिर दशकों पहले शिवराजपुर और फतेहपुर जिले की कुछ खास पवित्र धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल था। लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन की उपेक्षा की वजह से ये ऐतिहासिक मंदिर अपना अस्तित्व खो रहा है।


 हालांकि  फतेहपुर जिले के तत्कालीन जिला अधिकारी रहे आंजनेय कुमार सिंह ने यहां का दौरा कर इसके जीर्णोद्धार की बात कही थी। स्थानीय लोगों में मंदिर के जीर्णोद्धार  की आस जगी थी लेकिन  जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह  का स्थानांतरण गैर जनपद हो गया और अब
ग्रामीणों को आस जिले के  जिला अधिकारी से है।  यहाँ के लोगों को उम्मीद है कि स्थानीय प्रशासन और सरकार कोई पहल करेगी...ताकि दशकों पुरानी फतेहपर जिले की ये धरोहर अपने अतीत की तरफ देख सके।